
संधि
संधि एक भाषायी प्रक्रिया है जिसमें दो ध्वनियाँ मिलकर एक नई ध्वनि या रूप उत्पन्न करती हैं। यह प्रक्रिया हिंदी, संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं में देखने को मिलती है। संधि का उद्देश्य उच्चारण को सरल और सहज बनाना होता है।
संधि के प्रकार

संधि के प्रकार:
संधि मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:
- स्वर संधि (Swar Sandhi)
- व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi)
- विसर्ग संधि (Visarg Sandhi)
1. स्वर संधि (Swar Sandhi)
जब दो स्वर (vowels) एक साथ आते हैं, तो स्वर संधि होती है। इसमें ध्वनियाँ आपस में मिलकर एक नई ध्वनि उत्पन्न करती हैं।
स्वर संधि के प्रकार:
- आ + इ → ऐ
- उदाहरण:
- आ + इ → ऐ
- नदी + इति → नदीति
- उदाहरण:
- आ + आ → आ
- उदाहरण:
- आ + आ → आ
- तृप्ति + आ → तृप्ता
- उदाहरण:
- इ + अ → इ
- उदाहरण:
- इ + अ → इ
- दृश्य + अ → दृश्या
- उदाहरण:
2. व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi)
जब दो व्यंजन (consonants) एक साथ आते हैं, तो व्यंजन संधि होती है। इसमें ध्वनियाँ आपस में मिलकर नए रूप में बदल जाती हैं।
व्यंजन संधि के प्रकार:
- त + र → द
- उदाहरण:
- त + र → द
- त + र + ग → द्रग
- उदाहरण:
- क + ह → ख
- उदाहरण:
- क + ह → ख
- सम्पर्क + ह → सम्पर्ख
- उदाहरण:
3. विसर्ग संधि (Visarg Sandhi)
विसर्ग संधि में “ः” (विसर्ग) का रूप बदलता है जब वह किसी विशेष स्वर के साथ मिलता है। यह संधि प्रायः संस्कृत में अधिक होती है, लेकिन हिंदी में भी यह दिखाई देती है।
विसर्ग संधि के प्रकार:
- अः + अ → आ
- उदाहरण:
- अः + अ → आ
- दिवः + कर्ता → दिवकर्मा
- उदाहरण:
- अः + इ → इ
- उदाहरण:
- अः + इ → इ
- अः + इति → इति
- उदाहरण:
संधि के सामान्य उदाहरण:
- स्वर संधि:
- राजा + अस्ति → राजास्ति
- नदी + इति → नदीति
- व्यंजन संधि:
- क + सि → क्षि
- त + र → द्र
- विसर्ग संधि:
- दिवः + कर्ता → दिवकर्मा
- रामः + गच्छति → रामगच्छति
संधि के नियम:
- स्वर संधि में दो स्वर मिलते हैं और नया स्वर उत्पन्न होता है।
- व्यंजन संधि में एक व्यंजन दूसरे व्यंजन के साथ मिलकर नया रूप बनाता है।
- विसर्ग संधि में विसर्ग (ः) का रूप स्वर के अनुसार बदलता है।
अभ्यास के लिए उदाहरण:
- सर्व + श्रेष्ठ → सर्वश्रेष्ठ
- किंतु + तु → किन्तुतु
- तथा + अथवा → तथा अथवा
संधि (Sandhi) – FAQs (Frequently Asked Questions)
- संधि क्या है?
संधि वह प्रक्रिया है जिसमें दो ध्वनियाँ मिलकर एक नई ध्वनि उत्पन्न करती हैं। यह शब्दों के बीच या किसी शब्द के भीतर होती है, और इसका उद्देश्य उच्चारण को सरल और सहज बनाना है।
- संधि के कितने प्रकार होते हैं?
संधि के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं:- स्वर संधि (Swar Sandhi)
- व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi)
- विसर्ग संधि (Visarg Sandhi)
- स्वर संधि क्या होती है?
स्वर संधि तब होती है जब दो स्वर (vowels) एक साथ आते हैं और मिलकर एक नई ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
उदाहरण:- आ + इ → ऐ
- आ + आ → आ
- व्यंजन संधि क्या होती है?
व्यंजन संधि तब होती है जब दो व्यंजन (consonants) एक साथ मिलकर नए रूप में बदल जाते हैं।
उदाहरण:- क + सि → क्षि
- त + र → द्र
- विसर्ग संधि क्या होती है?
विसर्ग संधि तब होती है जब “ः” (विसर्ग) किसी स्वर के साथ मिलता है और वह ध्वनि बदल जाती है।
उदाहरण:- अः + अ → आ
- अः + इ → इ
- संधि क्यों होती है?
संधि भाषा में उच्चारण को सरल और प्रवाहपूर्ण बनाने के लिए होती है। यह शब्दों के बीच ध्वनियों को जोड़ने का एक प्राकृतिक तरीका है।
- संधि किसमें होती है – शब्दों के बीच या भीतर?
संधि दोनों स्थितियों में हो सकती है –- शब्दों के बीच (जैसे “राजा + अस्ति” → “राजास्ति”)
- शब्द के भीतर (जैसे “किंतु + तु” → “किन्तुतु”)
- क्या संधि केवल संस्कृत और हिंदी में होती है?
नहीं, संधि भारतीय भाषाओं के साथ-साथ कई अन्य भाषाओं में भी होती है, जैसे तमिल, कन्नड़, मराठी आदि। हालांकि, हिंदी और संस्कृत में संधि की अधिक चर्चा होती है क्योंकि ये भाषाएँ इसकी प्रक्रिया का पालन करती हैं।
- क्या संधि से शब्द का अर्थ बदलता है?
संधि से शब्द का उच्चारण और रूप बदल सकता है, लेकिन अक्सर शब्द का अर्थ वही रहता है। हालांकि, कभी-कभी संधि के कारण एक नया रूप उत्पन्न हो सकता है, जो पूरी तरह से नया अर्थ उत्पन्न करता है।
- संधि के अभ्यास के लिए क्या किया जा सकता है?
संधि के अभ्यास के लिए निम्नलिखित काम किए जा सकते हैं:
- संधि के उदाहरणों का अभ्यास करें।
- हिंदी और संस्कृत पाठों में संधि का अभ्यास करें।
- संधि के नियमों को ध्यानपूर्वक समझें और उनका पालन करें।
source : https://chatgpt.com/
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